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खुदाई में मिली 7 ऐसी चीज़े , जिन्होंने पूरी दुनिया के होश उडा दिए || 7 Historical Technology Finds

7 Historical Technology Finds

 



दुनिया का निर्माण हुए एक जमाना हो गया लेकिन आज भी इसके पीछे के कई राज हमें पता नहीं है आज भी आर्की लॉजिस्ट कई सारी चीजें खोज निकालते हैं जो बरसों पुरानी होती है आज के दौर में भी इनमें से कई चीजें हमारी समझ के बाहर है और हम इस सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर यह क्या है यही ने किसने और किस तरह बनाया होगा आज की इस आपने पहले कभी नहीं देखी होंगी और जिनका जवाब साइंस के पास आज भी नहीं है यह वीडियो काफी यूनिक होने वाली है क्योंकि शायद ही आपने ऐसी आर्टिकल कभी देखी होगी नही दोस्तों


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रेंज स्टेट्यूस सदियों से पृथ्वी पर इंसान रहते आए हैं और हम यही सुनते आ रहे हैं कि इंसान पहले बंदर था जिसके बाद वह वॉल होकर इंसान बना लेकिन शायद पहले के इंसान अभी के इंसानो से काफी अलग थे और शायद काफी बड़े भी कुछ साल पहले आर्कियोलॉजिस्ट को जॉर्डन में 8000 साल पुराने स्टेच्यू स्टेच्यू एक अलग ही कहानी बताते हैं उनका कहना है कि प्राचीन समय के लोगों ने बने हुए स्टैचूष है उसको देखकर ऑडियोलॉजिस्ट भी सोच में पड़ गए यह पूरे स्टेट्यूस दिखने में इंसानों की तरह है उसकी हाइट 6 से 8 फीट तक थी तो उसकी हाइट 2 फीट तक थी लेकिन हैरानी वाली बात तो यह थी कि उनके हाथ बहुत ही छोटे थे और क्वेश्चन उसके तो हाथ भी नहीं थे आईडियोलॉजिस का कहना है कि दिखने में भले ही ऐसा जो इंसानों की तरह है लेकिन यह बात दावे के साथ नहीं कही जा सकती कि वह इंसान ही थे या कुछ और क्योंकि उसके हाथ ना बनाना या छोटे बनाने के पीछे क्या वजह हो सकती है 


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थैंक्यू मेक्सिको शहर के पास कोटलिन चैन नाम की एक जगह है क्लीन चैन का मतलब होता है हाउस ऑफ स्नेक ऐसा मौका 19वीं सदी में एक बड़ा सा मोनोलीद पाया गया था यह बहुत ही बड़ा होने के साथ ही यह स्टैचू बारिश के गॉड लालू से काफी मिलता-जुलता है लालू बारिश के देवता माने जाते हैं इस मॉडल को जब कोडलीन चैन से मेक्सिको सिटी में लाया गया तो मैक्सिको सिटी में 1 हफ्ते तक लगातार बारिश हो रही थी जबकि उस टाइम बारिश का मौसम बहुत दूर था इसके बावजूद भी इतनी सारी बारिश हो रही थी ऑडियोलॉजिस्ट और रिसर्च का कहना है कि यह मोनोलीद अभी आधा ही बना हुआ है जिसे किसने बनाया या क्यों बनाया यह किसी को नहीं पता इसके साथ ही पुराने लोगों का कहना है कि जो पुराने समय में बारिश नहीं होती थी तो लोग ला लोक देवता की पूजा करते थे और उनसे मदद मांगते थे जिसके बाद बारिश होना शुरू हो जाती थी लेकिन इस मॉडल के पीछे का राज क्या है यह किसी को नहीं पता इसके साथ ही यह किसने बनाया और यह आधी क्यों बनाया यह किसी को नहीं पता कि मेक्सिको में आज भी कुछ लोग को दिल से पूछते हैं 


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कॉफी अपने प्राचीन लोगों ने बनाए हुए कई सारे पिरामिड्स आज भी देखे जा सकते हैं जो उस समय के लोगों ने बिना किसी टेक्नालॉजी के बहुत ही बेहतरीन तरीके से बनाया है जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं लेकिन 2018 में इन पिरामिड के करीब एक गुफा में 24 रॉक सॉलि़ड ग्रेनाइट के बड़े बॉक्सेस पाए गए जिनमें हर एक का वजन 100 टन से भी ज्यादा था जब उन बड़े बॉक्स एस पर रिसर्च की गई तो पता चला कि यह बॉक्स से कई हजार साल पुराने हैं और उनका यह भी कहना है कि यह बॉक्स असल में कॉफिंस है जिसमें पहले लोगों को दफनाया गया है यह को ऑफिस  की गई तो पता चला कि यह बॉक्स है कई हजार साल पुराने है और उनका यह भी कहना है कि यह बॉक्स असल में कॉफिंस है जिसमें पहले लोगों को दफनाया गया है यह को ऑफिस पूरी तरह से एयर टाइट है और इनको ऑफिस के एटीएस और एंगल्स बहुत सटीकता से बनाए गए हैं हजारों साल पुराने यह कॉफिंस उस समय के लोगों ने इतने मजबूत और सटीक तरीके से बिना किसी मशीन या टेक्नोलॉजी से कैसे बनाएं यह सोचने वाली बात है और इनमें से हरेक ऑफ इनको ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है जो बहुत ही भारी होता है जिसे आज के दौर में सिर्फ मशीन सही काटा जा सकता है तो उस जमाने में इस पत्थर को इतना परफेक्ट तरीके से कैसे काटा गया होगा यह भी यार सोचने वाली बात है


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आईलैंड जिले में स्थित आईलैंड कई सालों पुराना आईलैंड है कई साल पहले वह लगभग 10000 लोगों की आबादी थी लेकिन फिर उस आईलैंड पर किसी अनजान कारण से वह की पापुलेशन कम होने लगी जो घटकर 15 लोगों पर आ गई इस आईलैंड पर सिर्फ यही बात अजीब नहीं है बल्कि यहां ऐसे कुछ इंसानों की शक्ल के बड़े-बड़े स्ट्रक्चर्स बनाए गए हैं जो इतने साल पहले किसने बनाए यह किसी को नहीं पता लेकिन बिना किसी टेक्नालॉजी के ऐसे स्ट्रक्चर्स बनाना इतने साल पहले शायद ही इंसानों के लिए नामुमकिन था कि साइलेंट पर ऐसे करीब 970 पाए गए हैं लेकिन इन्हें कैसे बनाया क्यों बनाया गया यह आरजू लॉजिस्ट और आज भी पता लगा रहे हैं काफी बड़े होने के साथ-साथ उन्हें ऐसा नहीं लगता कि वह उस जगह बनाए गए होंगे बल्कि आर्कोलॉजी स्ट्रक्चर्स को उस जगह पर इसे बनाकर लाया गया हो सकता है लेकिन इतने विचार स्ट्रक्चर्स को उस जगह पर और रिमोट आईलैंड पर लेकर जाना आखिर कैसे किया गया होगा 


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क्रिएशंस अलग-अलग क्रिएशंस आपने देखे होंगे जिसमें अलग-अलग तरह के चक्कर और कंस्ट्रक्शंस प्राचीन लोगों ने बनाया है लेकिन अभी आप जो क्रिएशन देखने वाले हैं वह बहुत ही अद्भुत और लाजवाब है जो आप अभी देख रहे हैं वह अपने भारत का पहला सा मंदिर है जो कमाल की कारीगरी का एक बेहतरीन उदाहरण है यह मंदिर कई साल पहले बनाया गया था लेकिन इसके कमाल की कारीगरी देखकर आप दंग रह जाएंगे इतने साल पहले बनाइए मंदिर से भरा हुआ है और इसकी सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर को एक बड़े पहाड़ को काट काट के उसके अंदर बनाया गया है इसमें मजबूत को काटकर इसे डिजाइन किया गया है मशीन के उस समय में ऐसा कोई डिजाइन बनाना बहुत ही कमाल की बात है इस मंदिर को बनाने के लिए कई हजारों लोगों ने 20 साल तक भी काम किया तो भी ऐसे स्पीयर्स पर इतनी बेहतरीन डिजाइन और थोड़े से नहीं आ सकती और जिस तरह से इस पहाड़ को बारीकी और फिनिश के साथ काटा गया है ऐसा शायद बिना किसी मशीन के नहीं हो सकता लेकिन उस समय के लोगों ने बिना किसी टेक्नोलॉजी मशीन के मंदिर कैसे बनाया होगा यह एक सोच में डालने वाली बात है इसी तरह लेआउट पर पाए गए हैं और इसके लिए एक बड़ा अट्रैक्शन भी है आज का कहना है कि यह पत्र से काटकर बाद में इस जगह लाए जाते थे लेकिन हजारों से भी ज्यादा भोजन के यह पत्थर उस जगह उठाकर कैसे लाए गए और इन पत्रों को इतनी बारीकी से काटा गया है कि ऐसा लगता है कि इसको किसी मशीन से काटा गया हो लोगों का कहना है कि यह रोमांस ने बनाए हुए है लेकिन ऐसा नहीं है यह बड़े से पत्थर कई सालों पुराने है इसका यह मतलब होता है कि इन बड़े पत्थरों को रोमांस के पहले यहां रहने वाले लोगों ने बनाया होगा 


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जजस है जिन्हें पहाड़ को काटकर उनके बीचोंबीच एक ही पत्थर से बनाया गया लालीबेला में स्थित यह चर्चित पूरी तरह से ग्रेनाइट पत्थर को काटकर बनाए गए हैं और इनकी पिंकी सिंह और कटरीना बढ़ सकता है जिससे यह बिल्कुल भी नहीं लगता कि यह चर्च कई 100 साल पहले बनाए गए हैं आज के दौर में भी ऐसा चर्च कोई पहाड़ को काटकर उसके बीज बनाने के लिए कई हजार 40 साल काम करने के बाद बना सकते हैं लेकिन उस समय के लोगों ने बिना किसी मशीन या टेक्नोलॉजी के एक जज बनाया है शायद आपको पता होगा कि ग्रेनाइट सबसे मजबूत पत्रों में से एक माना जाता है जिस पर किसी मशीन से भी बहुत मुश्किल से स्क्ला जाती है लेकिन यह पूरा चर्च बड़े ग्रेनाइट पत्थर को काटकर कई साल पहले बनाया जा चुका है जिस पर लोग आज भी आश्चर्य करते हैं अननोन जार साउथ ईस्ट एशिया में एक ऐसा देश है जिसका नाम लाओस है यह वैसे तो काफी सुंदर देश है जहां बड़े बड़े पहाड़ और सुंदर नजारे देखे जा सकते हैं लेकिन यहां एक जगह पर एक ऐसी चीज देखी जा सकती है जिसे समझना एक आम इंसान को थोड़ा मुश्किल हो सकता है यह एक मैदान में कई सारे बड़े पत्थर के जार एक जगह पर पड़े हुए देखे जा सकते हैं जो किसी बड़े से कब क्लास की तरह से है जो यहां कई सालों से पढ़े हुए हैं लेकिन यहां कैसे आए यह शायद किसी को नहीं पता रिसर्च का कहना है कि यह बड़े से 4 प्राचीन लोगों के बने हुए हैं जिसमें वह अपने खाने की चीजें जमा करके रखते थे लेकिन इसकी बनावट इतनी जबरदस्त है ऐसा लगता है यह किसी इंजीनियर ने बनाया हो यह सब बराबर से का व्हाट्सएप में बने हुए हैं उस समय में लगभग नामुमकिन है क्योंकि उस समय ऐसी कोई टेक्नोलॉजी या कोई रूल नहीं था जिसकी मदद से पत्थर को ऊपर से और अंदर से इतनी अच्छी तरह से काटा जा सके फिर उस समय के लोगों ने आज कैसे बनाएं इसका जवाब साइंस के पास आज भी नहीं है अगर आज भी वो लोग होते तो आज के समय में भी बिना किसी टेक्नालॉजी के कई सारे जबरदस्त है वह बनाए थे जो आज कुछ सालों से इंजीनियर और बिल्डर मशीन की मदद से बना रहे हैं आज इतने बड़े हैं कि ऐसा कहा जाता है कि यह उस समय के लंबे और बड़े दानव रूपी इंसानों ने बनाए होंगे इसी प्रकार कुछ ऐसे पत्थर भी पाए गए जिनका से बिल्कुल गोल था इतने पुराने जमाने में ऐसे कमाल के स्पीयर्स बिना किसी मशीन की मदद से उन लोगों ने कैसे होंगे यह भी एक सोचने वाली बात है कुल्लू अमेरिका में 1 दिन समुंदर के किनारे बड़ा अजीब सा पत्थर मिला जिस पर एक शक्ल बनाई हुई थी जो एक फेमस बुक लव क्रश के एक कैरेक्टर से काफी मिलता-जुलता था उसका कहना है कि यह एक सत्य घटना से प्रेरित है अतुल को भगवान की तरह मानते हैं वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह किसी को मारने वाले किसी इंसान ने उनकी तस्वीर उस पत्थर पर बना दी जिन्हें वह पूछता था ऐसा भी हो सकता है कि उसने उस पत्थर को समंदर में डाल दिया ताकि वह दूसरों जाए और लोगों को कद्दू के बारे में पता चले लेकिन यह भी सिर्फ लोगों का अनुमान है इस बात को दावे के साथ नहीं कहा जा सकता इस पत्थर पर आज कर रहे हैं ताकि पता चले कि यह पत्थर असल में क्या है और कितने साल पुराना है और तुलु का प्राचीन किताबों में भी अवसर मिलता है आपको क्या लगता है कि उस समय में बिना किसी मशीन और टेक्नोलॉजी की मदद से उन लोगों ने ऐसी कमाल की चीजें कैसे बनाई होगी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताना और क्या पुराने समय में हुआ करते थे आपको क्या लगता है यह जरूर बताना...


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